लेखनी प्रतियोगिता -10-Mar-2023 "थी वो एक लड़की"
"थी वो एक लड़की "
थी वो एक ऐसी लड़की....
लोगों से बातें करना
लगता था अच्छा उसको
बड़ी बेधड़क होकर,
लोगों की खूबियां और खामियां
कह डालती..... बिना किसी हिचक....
सबको अपना सा मानती......
पता नहीं ये खूबी या ख़ामी थी उसमें
जिसके भी पास बैठती
हो जाती थी उसकी.....
फ़िर धीरे धीरे होने लगी बड़ी वो
और पहचानने लगी
लोगों के मन के भावों को
लोगों ने उनसे बनाई दूरी दो कदम की
आने लगा समझ
क्या चाहते हैं ये लोग....
और फिर उसने ख़ुद को
चार कदम किया पीछे....
लौट आई अपने होठों पर ख़ामोशी लिए
समेट लिया खुद को ही अपने अंदर
जो कभी बताती थी खूबियां और ख़ामियाँ
करती थी कहकह, खिलखिलाती बेहिचक....
फेर लिया अपनी नज़रों को
हर किसी की तरफ़ से,
देख कर, कर देती अनदेखा हर किसी को....
वो अलहड़ और निश्चल सी लड़की
हो गई बड़ी और ख़ूब समझदार
अब जब भी वो हैं बोलती....
सोचती है दस बार
और कहती है एक बात...!!
आँखों में रहती है हर बात
पर अब होंठ नही खोलती....
फ़िर भी कभी कभी...
मन के किसी कोने में दबा
वो मासूम सा बच्चा, जाता है जाग...
और भूल जाता है कि....
किस वक़्त रहना है ख़ामोश
और किस बात पर है बोलना
उस वक़्त तोड़ देती है...
ख़ामोशी से लिपटी उस होठों की तड़प को,
पर अब बदल गई है वो लड़की...!!
मधु गुप्ता "अपराजिता"
Radhika
12-Mar-2023 09:23 PM
Bilkul meri tarah hai wo ladki
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Madhu Gupta "अपराजिता"
12-Mar-2023 10:06 PM
Thank you so much😊😊
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डॉ. रामबली मिश्र
12-Mar-2023 09:00 PM
शानदार
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Madhu Gupta "अपराजिता"
12-Mar-2023 10:05 PM
Thank you सर 🙏🙏
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Madhu Gupta "अपराजिता"
12-Mar-2023 10:03 AM
आप सभी का तह दिल से शुक्रिया और आभार🙏🙏
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